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भक्तों की पुकार

पड़ी जब भीड़ भक्तों पर,

पुकारा नाथ अब आओ।

सही जाती नही पीड़ा ,

प्रभू दर्शन तो दिखलाओ।

सुनेगे टेर भक्तों की,

दौड़ के नाथ आंएगे ।

लेगें अवतार पृथ्वी पर ,

हरने को भार आयेगें ।

धर्म का हो रहा है छय ,

अधर्म सबपे हुआ हाबी ।

मनुज के भेष में दानव ,

यहां करते हैं मनमानी।

यह कैसा युग है प्रभू कलियुग,

जो हर युग पे भारी है।

अब तो हर घर में है रावण।

कंस अत्याचारी हैं।

दुशासन और द्रुयोधन से ,

भरी पृथ्वी तिहारी है ।

करोगे अंत अब इनका

सुनाने बिनती आए है

रुबी चेतन शुक्ला

अलीगंज

लखनऊ

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1 Comments

Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:21 AM

v nice

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